समाज रक्षा

प्रभाग के बारे में

समाज रक्षा जैसा कि आम बोल चाल का अर्थ कुछ ऐसे हाशिये पर की जनसंख्या समूह से है जिन्हें सरकारी तथा सिविल सोसायटी द्वारा प्रणाली बद्ध एवं समन्वित प्रयासों के माध्यम से संरक्षण, देखभाल तथा सहायता की आवश्यकता है। समाज रक्षा के विषय जैसे ड्रग दुरूपयोग, बुढ़ापे का उम्र, भिक्षाटन, ट्रफिकिंग, परिवीश्रा सेवाएं, कैदखानें, तथा ट्रांसजेंडरों के कल्याण चिन्ता जनक रूप में उभर रहें है। समाज के इन कमजोर वर्गों के कल्याण हेतु प्रयास किया जाना आवश्यक है तथा इसमें तत्काल तथा समुचित हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

ट्रांसजैडर समुदाय एक अन्य संवेदनशील एवं हाशिए पर का ग्रुप है जिन्हें भोजन, कपड़ा, घर, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार जैसे मूल सुरक्षा कदमों की आवश्यकता है। हमारे मंत्रालय इन समूहों के अधिकारों की रक्षा के लिए विकास कार्यो को आरम्भ किया है। ट्रांसजेंडरों की समस्याएं बहुमुखी है तथा इन्हें दूर करने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति की आवश्यकता है। इस समुदाय के लिए शिक्षा तथा कौशल विकास प्रशिक्षण (विभिन्न ट्रेडों पर) उन्हें रोजगार तथा आत्म जीविका में मदद करेगा। उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ट्रांसजेंडर परसन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राईटस) एक्ट 2019 में वैधानिक उपलब्ध भी है जिस सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा हाल में अधिनियमित किया गया है।

भिक्षारन भारत में एक गम्भीर समस्या है जिस पर प्राथमिकता से ध्यान देने की आवश्यकता है। भिक्षा निवारण पर सम्बंधित राज्य अधिकारियों तथा एन.जी.ओ भागीदारों के लिए क्रमबद्ध प्रशिक्षण एवं संवेदीकरण कार्यक्रमों के द्वारा समाज को इस सामाजिक बुराई को दूर करने में लम्बे समय प्रभाव डालेगा।

प्रभाग समाज रक्षा के क्षेत्र में हितधारको के लिए काअंसेलिंग से सम्बंधित मामलों को भी देखता है। प्रभाग अपने राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक एक माह प्रोग्रामों तथा तीन दिवसीय लघु अवधि के राज्य स्तीय प्रोगामों के माध्यम से समाज रक्षा पर सरकारी/एन.जीओ/पंचायत/ पुलिस कर्मियों तथा सामाजक कार्य प्रोफेशनलों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। सुग्राही बनाता है।

प्रभाग का मूल लक्ष्यः

प्रभाग का मूल लक्ष्य समाज रक्षा विशेषकर भिक्षा निवारण, ट्रांसजैंडर कल्याण आदि के क्षेत्रों में कार्यरत् राज्य विभागों तथा संस्थानों के साथ सम्पर्क स्थापित कर हित धारकों/प्रदाताओं को प्रशिक्षण कर सर्वोत्तम सेवा डिलीवरी को सुनिश्चित करना है।

टारगेट ग्रुप :

प्रभाग के टारगेट ग्रुप हैं- राज्य समाज कल्याण विभाग के अधिकारी, परिवीश्रा अधिकारी, राज्य पुलिस विभागों के मध्यम स्तरीय कर्मी, लेक्चरर रीडर तथा समाज कार्य संस्थानों के क्षेत्र कार्य पर्यवेक्षाकगण, हेडमास्टर/प्राचार्य विद्यालयों के, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों एवं प्रशासक हॉस्पीटल कर्मी, सम्बधित एज.जी.ओ के कर्मी सामाजिक कार्यकर्त्ता, जेल एवं पंचायती राज कर्मी रिसर्च स्कॉलर, आगनवाडी कर्मी, कॉरपोरेट कर्मी एवं सामाजिक कार्यकर्त्तागण।

गतिविधियाः

• भिक्षा निवारण एवं ट्रांसजैंडर सहित अन्य समाज रक्षा मामलों के क्षेत्रों में कार्यरत विभिन्न कर्मियों की कैपेसिटी बिल्डिंग
• अन्य समाज रक्षा मामलों के क्षेत्र में सरकारी अधिकारियों, पंचायत, एन.जी.ओ कर्मी तथा सामाजिक कार्यकर्त्ता का संवेदीकरण
• ट्रांसजैडर एवं भिखारियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रोग्राम ताकि उन्हें रहने के लिए एक गौरवमयी जीवन व्यतीत करने के लिए अपेक्षित कौशल प्राप्त् हो सके।
• अन्य समाज रक्षा विषयों के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रलेखन तथा
• समाज रक्षा सम्बंधी विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के सेमीनार एवं कन्सलटेटिव सम्मेलन का आयोजन करना।